तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥२३॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै । हनुमान चालीसा लिरिक्स भावार्थ – हे अतुलित बल के भण्डार घर रामदूत हनुमान जी! आप लोक में अंजनी पुत्र और पवनसुत के नाम से विख्यात हैं। भावार्थ – हे महाप्रभु हनुमान जी! संसार के जितने भी कठिन कार्य https://josephq518vut3.gigswiki.com/user