होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥२१॥ सब सुख लहै तुह्मारी सरना । त्वमस्मिन कार्य निर्योगे प्रमाणं हरिसत्तमा वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥ मंगल भवन अमंगलहारी द्रवहु सो दशरथ अजिर विहारी। मनोजवं मारुततुल्य वेगम् जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥ तिन के काज सकल तुम https://irvingz975vbg0.popup-blog.com/34572053/how-much-you-need-to-expect-you-ll-pay-for-a-good-hanuman-mantra